नीर ननर्मल पररयोजना निम्ि आय राज्यों के लिए ग्रामीण ू ति एवं स्वच्छता पररयोजिा जिापन पयािवरणीय प्रबंधि ढााँचा (भौनतक सांस्कृनतक संसाधिों (पी.सी.आर.) की पहचाि –ओ.पी. 4.11 पर ु ग्िक) अिि 1 नतथि: 28 मई, 2019 निम्ि आय राज्यों के लिए ग्रामीण जिापूनति एवं स्वच्छता पररयोजिा भौनतक सांस्कृनतक संसाधि, उिकी पहचाि और पररयोजिा jpuk एवं कायािन्वयि में समावेशि 1. पररचय इस दस्तावेज़ को ननम्न आय राज्यों के ललए ग्रार्ीण ू तम और जलापन स्वच्छता पररयोजना ू एस.एस.-एल.आई.एस.) क (आर.डब्ल. ु र्मठन क े पन ू तम क े दौरान पररकल्पपत क्रियाओं र्ें से एक की पन े ललए ु र्मठन प्रपत्र भौनतक सांस्कृनतक संसाधन पर ओ.पी.4.11 को लार्ू तैयार क्रकया र्या gS। पररयोजना का पन करने की लसफाररश करता है , जो भौनतक सांस्कृनतक संसाधनों (पी.सी.आर.) की पहचान को आवश्यक बनाता है और पररयोजना jpuk ु क्षा क और कायामन्वयन र्ें उनकी सर ु त उपायों को शालर्ल े ललए उपयक् करता है । यह दस्तावेज़ पररयोजना के प्रत्येक घटक राज्य के ललए तैयार क्रकये र्ये ई.ए.-ई.एर्.एफ.के जोड़ के रूप र्ें कायम करने के ललए है और इसर्ें ननम्न बातें शालर्ल हैं: ं धत ल्स्िनत का एक आधारभत 1. प्रत्येक राज्य र्ें पी.सी.आर. से संबध ू आकलन 2. ननम्न के ललए प्रक्रिया a. पररयोजना र्नतववधधयों से क्रकसी भी तरह प्रभाववत हो सकने वाले पी.सी.आर. की पहचान और स्िान ननयत करना b. क्रकसी भी पी.सी.आर. पर पररयोजना र्नतववधधयों के संभाववत प्रनतकू ल प्रभावों का ननधामरण, और c. सभी धचल्ननत प्रनतकू ल प्रभावों के प्रबंधन और शर्न पर र्ार्मदशमन 2. पी.सी.आर. की पररभाषा 2 ओ.पी.4.11 क ु ार, े अनस ु ं, स्िलों, संरचनाओं, संरचनाओं क "भौनतक और सांस्कृनतक संसाधन चल या अचल वस्तओ ू ों और े सर्ह प्राकृनतक ववशेषताओं और पररदृश्यों क ु ाताल्त्वक, जीवाल्श्र्की, े रूप र्ें पररभावषत क्रकये र्ये हैं, ल्जनर्ें पर ु धालर्मक, सौंदयम या अन्य सांस्कृनतक र्हत्व हैं। भौनतक सांस्कृनतक संसाधन शहरी या ऐनतहालसक, वास्त, ग्रार्ीण ववन्यास र्ें ल्स्ित हो सकते हैं, और जर्ीन के ऊपर या भीतर या पानी के भीतर हो सकते हैं। ु ाय र्ें हो सकता है ।” उनका सांस्कृनतक र्हत्व स्िानीय, प्रांतीय या राष्ट्रीय स्तर पर, या अंतरराष्ट्रीय सर्द ु ायों की सांस्कृनतक पहचान का प्रतीक हो सकता है, ल्जसक पी.सी.आर. ववलशष्ट्ट सर्द े कारण उसके साि ु ाय ds yksxksas का भावनात्र्क जड़ उन सर्द ु ाव हो सकता है । कु छ पी.सी.आर. का धालर्मक र्हत्व भी हो ं धत र्नतववधध का पी.सी.आर. क सकता है । पररणार्स्वरूप, क्रकसी भी पररयोजना से संबध े साि ही उनसे ु ाय या नस्ली सर्ह खुद को जोड़ने वाले सर्द ू म असर हो ू की प्रािलर्क सांस्कृनतक पहचान पर र्हत्वपण सकता है । ू , सर्द हालााँक्रक पी.सी.आर. क्रकसी भी सर्ह ु ाय या धर्म से जुड़े हो सकते हैं, लेक्रकन हालशये पर खड़े या ू ों जैसे आददवालसयों को अपने पी.सी.आर. की पहचान की प्रक्रिया पर अधधक ध्यान दे ने की वपछड़े सर्ह आवश्यकता हो सकती है , क्योंक्रक स्िानीय प्रशासननक संस्िाओं जैसे ग्रार् पंचायतों के संस्िार्त ढााँचे र्ें इनका पयामप्त प्रनतननधधत्व नहीं भी हो सकता है । इसे चार पररयोजना राज्यों के र्ार्ले र्ें दे खा जाना ू म जनजातीय उपल्स्िनत वाले कई इलाक चादहए, क्योंक्रक इन राज्यों र्ें र्हत्वपण े हैं। जैसा क्रक ऊपर उपलेख क्रकया र्या है , ओ.पी.4.11 का उद्दे श्य ववश्व बैंक ववत्तीय सहायता के जररये चालू ववकास पररयोजनाओं के पी.सी.आर.पर प्रनतकू ल प्रभाव को रोकना या कर् करना है । vks-ih- 4-11 ds izko/kkuksa ds vUrxZr ifj;kstukvksa dks Js.kh , vFkok ch ds :i essa oxhZd`r fd;k tkrk gSA इनर्ें (i) ू म उत्खनन, ववध्वंस, भड र्हत्वपण ं धत कोई भी पररयोजना; ू ोल, बाढ़या अन्य पयामवरणीय पररवतमनों से संबध और (ii) उधारकताम द्वारा र्ान्यता प्राप्त क्रकसी भौनतक सांस्कृनतक संसाधन स्िल या उसके आसपास ल्स्ित कोई पररयोजना शालर्ल है । यह नीनत पी.सी.आर. के प्रबंधन या संरक्षण के ललए डडजाइन की र्यी पररयोजनाओं पर लार्ू होता है , ल्जसर्ें उधारकताम के ववधानों या क्रकसी भी प्रासंधर्क अंतरराष्ट्रीय पयामवरण संधधयों और सर्झौतों के दायरे र्ें न आ सकने वाले पी.सी.आर. शालर्ल हैं।1 3. आधारभत ू 3.1. चार पररयोजिा राज्यों में आदिवासी आबािी की उपस्स्िनत जैसा क्रक ऊपर उपलेख क्रकया र्या है , आददवासी आबादी से जुड़े पी.सी.आर. को ऐसी आबादी की अरक्षितता vkSj छोडाव के कारण अधधक ध्यान दे ने की आवश्यकता है । यह खंड चार पररयोजना राज्यों ू ों पर वववरण दे ता है । र्ें र्ौजूदा आददवासी सर्ह 1ववश्व बैंक, 2013, ओ.पी.4.11 भौनतक सांस्कृनतक संसाधन, जुलाई 2006। अप्रैल 2013 को संशोधधत; ववश्व बैंक, 2009. ु क्षा नीनत पल् भौनतक सांस्कृनतक संसाधन सर ु स्तका। 3 2011 की जनर्णना क ु ार, भारत र्ें क े अनस ु ध ु ल अनस ू चत जनजातीय आबादी 1,04,281,034 लोर्ों की िी। कु ल आददवासी आबादी र्ें से लर्भर् 90% ग्रार्ीण क्षेत्रों र्ें ननवास करती है और दे श की कु ल 14% जनजातीय आबादी चार पररयोजना राज्यों र्ें रहती है (नीचे ताललका र्ें वववरण दे खें)। ु थ पररयोजिा क्षेत्र में अिस ू चत जिजानत की जिसंख्या, 2011 पुरुष स्त्री कुि ग्रामीण शहरी कुि ग्रामीण शहरी भारत 5,24,09,823 4,71,26,341 52,83,482 5,18,71,211 4,66,92,821 51,78,390 असम 1,957,005 1,847,326 109,679 1,927,366 1,818,079 109,287 बबहार 682,516 648,535 33,981 654,057 622,316 31,741 झारखंड 4,315,407 3,928,323 387,084 4,329,635 3,939,827 389,808 उत्तर प्रिे श 581,083 526,315 54,768 553,190 504,761 48,429 स्रोत: आददवासी कायम र्ंत्रालय https://tribal.nic.in/; https://data.gov.in/, 21 र्ई 2019 को ललया र्या rFkkfi आददवासी आबादी पररयोजना राज्य के सभी क्षेत्रों या हर ल्जले र्ें नहीं फै ली है । 2011 की जनर्णना के आधार पर, असर् र्ें सभी पररयोजना ल्जलों र्ें जनजातीय आबादी पायी जा सकती है । ं , ू आददवालसयों र्ें बर्मन, बोरो, बोरोकचारी, दे वरी, होजई, कछारी, सोनवाल, लालुर् पररयोजना ल्जलों र्ें र्ौजद लर्री, राभा, डडर्सा, हाजोंर्, र्ारो, र्ेच, लसंघपो, खाल्म्प्प शालर्ल हैं।2 इसके अलावा, पररयोजना {ks= र्ें कु छ चाय बार्ान भी हैं, और इसर्ें कु छ आददवासी शालर्ल हैं ल्जन्हें ू - चाय जनजानत और पव म चाय जनजानत के रूप र्ें जाना जाता है । ये चाय जनजानत उड़ीसा, बबहार, र्ध्य प्रदे श, आंध्र प्रदे श और पल्श्चर् बंर्ाल क ू की है , और सरकार द्वारा अन्य वपछड़ा वर्म क े र्ल े रूप र्ें ू अनस वर्ीकृत की जाती है । हालााँक्रक, अन्य राज्यों र्ें, इनर्ें से कई सर्ह ू चत जनजानतयों क ु ध े रूप र्ें पहचाने जाते हैं, और उनर्ें से कु छ अन्य पररयोजना राज्यों र्ें भी र्ौजूद हैं। हालांक्रक सभी चाय ू - जनजानतयााँ और पव म चाय जनजानतयााँ पररयोजना क्षेत्र र्ें नहीं रहती हैं, लेक्रकन उनर्ें से कु छ पररयोजना ू म चाय जनजानतयााँ हैं:अदहरर्ोआला, आयम र्ाला, क्षेत्र र्ें पायीर्यी हैं। असर् की चाय जनजानत और पव असुर, बरहई, बााँसफोर, भोक्ता, बउरी, बोवरी, भुइयााँ, भूलर्ज, बेददया, बेलदार, भाररक, भाता, बसोर, बैर्ा, बैरा, ु ाध, भील, बोंडो, बबंल्जया, बबरहर, बबरल्जया, बबरल्जया, बेड़ी, चर्ार, चौधरी,चेरे, धचक बननक, डंडारी, डााँडसी, दस धनवर, र्ंडा, र्ोंडा, र्ोंड, घनसी, र्ोरइत, घटोवार, हरर, होलरा, जोपहा, क े वट, कोइरी, खोनयार, कु र्ी, कवार, करर्ाली, कोरवा, कोल, कालाहांडी कालीहांडी, कोतवाल, खाररया, क ु म्हार, खरवार, खोदल, खोंड, कोया, कोंडपन, कोहोर, कोरर्ाकर, कषान, लाहर, लोधा, लोधी, र्दारी, र्हली, र्ोहली, र्ोदी, र्हतो, र्लपिररया, र्नकी, र्जवार, ं ा, नोननया, नूननया, नर्ालशया, नार्बंसी, नाि, उरांव, पासी, पैदी, पान, पननका, परजा, पतरातंती, लर्रधर, र्ुड ं ा, तास्सा, तंतूबई, तेली और तांती आदद3। इस तरह प्रधान, रजवार, सहोरा, संिाल, संताल, सरवेरा, तुरी, तेलर् 2 https://data.gov.in/, 21 र्ई, 2019 को ललया र्या 3http://pib.nic.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=8710621 र्ई, 2019 4 यह भी पता चलता है क्रक न क ू ों की भी पहचान करने की े वल आददवासी आबादी बल्पक अन्य सर्ह आवश्यकता है, क्योंक्रक कई अन्य या तो आपस र्ें संबद्ध हो सकते हैं या सर्ान संबद्धता हो सकती है । झारखंड के सभी छह पररयोजना ल्जलों र्ें जनजातीय आबादी है । झारखंड र्ें लर्भर् 30 प्रर्ख ु जनजानतयााँ हैं। झारखंड राज्य र्ें जनजानतयों, आवश्यक नहीं है क्रक वे पररयोजना क्षेत्र र्ें भी हों, र्ें असुर, अर्ररया, बैर्ा, बिूड़ी, दे ददया, बबंझझया, बबहोर, बबल्जमया, चेरो, धचक बरै क, र्ोंड, र्ोरइत, हो, करर्ाली, ु खाररया, पहाड़ी खाररया, करवार, खोंड, क्रकसन, नर्ेलसया, कोरा, र्ुड़ी-कोरा, कोरवा, खाररया, ढे ललकी खाररया, दध लोहरा, र्हली, र्ाल पहरै या,क ं ा, पातर, उरांव, धनर्र, परहै या, संताल, सौररया पहररया, ु र्ारभर् पहररया, र्ुड सावर, भूलर्ज, कावर और कोल4 शालर्ल हैं। 2011 की जनर्णना क ु ार बबहार क े अनस ू णमया, सारण, े 6 पररयोजना ल्जलों र्ें जनजातीय आबादी है । ये पझ र्र् ंु ेर, नालंदा, पटना और नवादा हैं। बबहार र्ें र्ौजद ू आददवासी सर्ह ू झारखंड के सर्ान हैं। उनर्ें असुर, अर्ररया, बैर्ा, बंजारा, बिुडी, बेददया, बबंझझया, बबरहोर, बबरल्जया, चेरो, धचक बरै क, र्ोंड, र्ोरइत, हो, करर्ाली, ु खाररया, पहाड़ी खाररया, खरवार, खोंड, क्रकसन, नर्ेलसया, कोरा, र्ुड़ी-कोरा, कोरवा, खाररया, ढे लकी खाररया, दध लोहारा, लोहरा, र्हली, र्ाल पहररया, क ं ा, पातर, उरांव, धनर्र (उरांव), परहै या, संताल, ु र्ारभर् पहररया, र्ुड सौररया पहररया, सावर, कावंर, कोल, और िारू शालर्ल हैं। उत्तर प्रदे श र्ें, 2011 की जनर्णना क ु ार जनजातीय आबादी वाले पररयोजना ल्जले, बहराइच, र्ोंडा, े अनस लसद्धािमनर्र, संत कबीरनर्र, क ु , वाराणसी और सोनभद्र हैं। यहााँ र्ौजूद ु शीनर्र, दे वररया, बललया, र्ाजीपर कु छ जनजानतयााँ र्ोंड, धुररया, नायक, ओझा, पिरी, राज र्ोंड, खरवार, खैरवार, परदहया, बैर्ा, अर्ररया, पटारी, ं ा हैं।5 चेरो, भुइया और भुइय ू भी हैं, ल्जन्हें पहले आददर् जनजातीय सर्ह पररयोजना क्षेत्र र्ें, ववशेष रूप से कर्जोर आददवासी सर्ह ू कहा जाता िा। ये हैं असुर, बबरहोर, बबरल्जया, पहाड़ी खाररया, कोरवास, र्ाल पहररया, परहै या, सौररया पहररया और सावर। ये हालशये पर और आधिमक रूप से कर् उन्नत सर्द ु ाय हैं।6 3.2. प्रतीकात्मक आदिवासी पी.सी.आर. नीचे भारत की क ं धत पी.सी.आर. क ु छ आददर् जनजानतयों से संबध े कु छ प्रदशमनात्र्क उदाहरण ददये र्ये हैं:  ुं ा : ये अपने पव र्ड म ों को दफन करते हैं ल्जन्हें संरक्षक आत्र्ाओं क ू ज े रूप र्ें र्ाना जाता है । इन ू ज पव म ों के प्रतीक के रूप र्ेंकब्र के पत्िर, ससंददरर लर्ाये जाते हैं।  संिाल: laj{kd iwoZtksa dh आत्र्ाओं पर ववश्वास करते हैं जो बसाहट के छोर पर एक पववत्र वन र्ें रहते हैं। संिाल इन आत्र्ाओं को खुश करने के ललए प्रािमना और क ु ं की पेशकश ु छ वस्तओ करते हैं। 4http://censusindia.gov.in/ 5सर्ान स्रोत 6सर्ान स्रोत 5  ू ा का बबरहोर: इनकी धालर्मक प्रिाओं र्ें जीववाद, प्राणवाद, प्रकृनतवाद और आत्र्ाओं की पज लर्श्रण शालर्ल है ।7  ननयर्धर्रर वन क्षेत्र : डोंर्ररया खोंड इस वन क्षेत्र र्ें ननयर् र्ोंर्र नार्क एक धचल्ननत क्षेत्र को अपने दे वता नीर् राजा का जन्र्स्िान र्ानते हैं।8  ननतमयांर् स्तंभ : र्ाना जाता है क्रक ये स्तंभ र्ेघालय क ू म घटनाओं े जयंनतया लोर्ों की र्हत्वपण और राजाओं का प्रनतननधधत्व करते हैं।  बरर्द और पीपल के पववत्र पेड़: उत्तर भारत; ल्जसर्ें उत्तर प्रदे श और बबहार शालर्ल हैं, र्ें कुछ ु ाय बरर्द क सर्द ू ा करते हैं। इसललए इन पेड़ों को काटा या चीरा नहीं जा सकता है । े पेड़ों की पज इसी तरह, पीपल क ु ायों े पेड़ को भर्वान शनन का ननवास र्ाना जाता है और इसललए कई सर्द की र्ान्यताओं क ु ार, यह पववत्र पेड़ भी नहीं काटा जाना चादहए। े अनस ु ाँ शालर्ल हो सकती हैं, और हो सकता जैसा क्रक इन उदाहरणों से ददखता है , पी.सी.आर.र्ें ववलभन्न वस्तए ु ं को बाहर वाले सर्झ या दे ख न पायें। इनर्ें जल संरचनाएाँ, पहाडड़यााँ, पेड़ या अन्य है क्रक इन वस्तओ जीव या वनस्पनतयााँ, चट्टानें या अन्य भौनतक और पररदृश्य स्िान, कब्र या कबब्रस्तान आदद शालर्ल हो ु ाँ, दोनों ही पी.सी.आर. हो सकती हैं जो क्रकसी सकते हैं। प्राकृनतक ववशेषताएाँ या र्ानव ननलर्मत वस्तए ु ाय या धर्म या सर्ह ववशेष सर्द ू ों की पहचान क ू म हैं। इसक े ललए र्हत्वपण े अलावा, सभी पी.सी.आर. जर्ीन के ऊपर नहीं होंर्े: वे ननर्ामण र्नतववधधयों के दौरान खुदाई करते सर्य भी लर्ल सकते है । ऐसे र्ार्लों को "संयोर्वश लर्ले पररणार्" के रूप र्ें जाना जाता है । ू और ववनियम 3.3. पी.सी.आर. को प्रशालसत करिे वािे कािि ु ातत्व स्िि और अवशेष अथधनियम 1958 और संशोधि 3.3.1. प्राचीि स्मारक और पर ु ाताल्त्वक स्िलों और राष्ट्रीय र्हत्व क यह अधधननयर् प्राचीन और ऐनतहालसक स्र्ारकों और पर े अवशेषों क ू तमयों, नक्काशी और अन्य सर्ान वस्तओ े संरक्षण एवंबचाव और र्न ु ं क ु ाताल्त्वक उत्खनन और े ललए पर बचाव के ववननयर्न के ललए है । इस अधधननयर् क ु ार, इस अधधननयर् क े अनस े संरक्षण र्ें आने के ललए क्रकसी प्राचीन स्र्ारक काकर् से कर् 100 वषों से अल्स्तत्व र्ें होना होर्ा। कें द्रीय अधधननयर् क ु ार संरक्षक्षत क्षेत्र क े अनस े र्ाललक या कब्जाधारक सर्ेत कोई भी, संरक्षक्षत क्षेत्र के भीतर कोई इर्ारत बनाने या संरक्षक्षत क्षेत्र र्ें कोई खनन, खोदाई, उत्खनन, ववस्फोट या सर्ान प्रकृनत की कोई भी र्नतववधध करने या क ू म अनर् ें द्र सरकार की पव ु नत क ू े क्षेत्र या दहस्से का उपयोर् करने े बबना पर क े ललए अधधकृत नहीं है । इस ननवषद्ध क्षेत्र को आर्े एक संरक्षक्षत स्र्ारक के ननकट या सटे हुए क्षेत्र के रूप र्ें पररभावषत क्रकया र्या है , ल्जसे क ू ना द्वारा, 1959 ें द्र सरकार ने आधधकाररक राजपत्र र्ें अधधसच क ु ातत्व स्िलो और अवशेष ननयर्ों द्वारा ननवषद्ध घोवषत क्रकया है । े प्राचीन स्र्ारक और पर 7आददवासी कायम र्ंत्रालय।https://tribal.nic.in/ 8https://www.downtoearth.org.in, जन ू 2015 6 ू ी तक ननवषद्ध क्षेत्र की सीर्ा 2010 का अधधननयर् संरक्षक्षत स्िल से सभी ददशाओं र्ें 100 र्ीटर की दर तय करता है, बशते नालर्त प्राधधकारी ननवषद्ध क्षेत्र के उद्दे श्य से एक बड़े क्षेत्र की लसफाररश नहीं करता। ननवषद्ध क्षेत्र र्ें क ु ाताल्त्वक अधधकाररयों को कोई ननर्ामण करने की अनर् े वल पर ु नत है , 2010 के अधधननयर् क ु ार, ननवषद्ध क्षेत्र र्ें कोई अन्य र्नतववधध नहीं हो सकती है, यहााँ तक क्रक वे े अनस पररयोजनाएाँ या ननर्ामण भी नहीं हो सकते जो आर् जनता के ललए आवश्यक हैं। ननवषद्ध क्षेत्र से 200 र्ीटर आर्े का दायरा सभी राष्ट्रीय संरक्षक्षत स्र्ारकों के ललए ववननयलर्त क्षेत्र है । 2010 अधधननयर् क ु ार इस ववननयलर्त क्षेत्र र्ें क्रकसी भी र्रम्र्त, ननर्ामण या पन े अनस ु ननमर्ामण के ललए ु नत की आवश्यकता होर्ी। ननर्ामण/र्रम्र्त की स्वीकृनत या अनर् सक्षर् प्राधधकारी से अनर् ु नत के ललए ददये र्ये आवेदन को 2 र्हीने की अवधध के भीतर स्वीकृत या खाररज करना होर्ा। 2011 के ननयर्ों के ु ार, अनर् अनस ु नत के अनर ु ोध के ललए आवेदन के एक दहस्से क ृ योजना उपलब्ध कराने की े रूप र्ें ववस्तत जरूरत होर्ी, और इसक ु नत क े बबना जर्ा क्रकये र्ये अनर् ु ोध को क्रफर से दाझखल करना होर्ा। े अनर 2011 के ननयर् के तहत यह भी आवश्यक है क्रक प्रत्येक क्षेत्र के ललए एक स्िलीय योजना हो जो संरक्षक्षत स्िल क ू ों इत्यादद क े ववलशष्ट्ट उप-कानन े साि सक्षर् प्राधधकारी के पास उपलब्ध हो। 1959 के ननयर्ों क ु ार, जब तक क्रक संरक्षक्षत क्षेत्र क े अनस ु नत नहीं दी जाती है , े क्रकसी भी क्षेत्र र्ें अनर् तब तक स्र्ारक क ु सान पहुाँचाने वाली कोई भी र्नतववधध नहीं की जा सकती है । े क्रकसी भी दहस्से को नक इसक ु नत क े अलावा, खाना पकाने या भोजन करने की अनर् े वल उस उद्दे श्य के ललए तय क्षेत्रों र्ें ही है । पररसर के भीतर लाये जाने वाले क्रकसी भी वाहन को के वल उसक ु नत है । े ललए तय क्षेत्र र्ें लाने की अनर् ननयर् क ु ार, संरक्षक्षत क्षेत्र क े अनस े भीतर सभी ननर्ामण और खनन र्नतववधधयों के ललए कें द्र सरकार ु होने से कर् से कर् 3 र्हीने पहले अनर् द्वारा ननर्ामण र्नतववधध शरू ु नत ददये जाने की आवश्यकता है । ननवषद्ध या ववननयलर्त क्षेत्रों के र्ार्ले र्ें, क्रकसी भी खनन या ननर्ामण कायम को इन ननयर्ों र्ें ननददम ष्ट्ट क ु प र्हाननदे शक की अनर् े अनरू ु नत के बाद और र्नतववधध करने के ललए लाइसेंस के ननयर्ों और शतों के आधार परही क्रकया जा सकता है । ु त कोष अथधनियम (इंडडयि ट्रे जर ट्राव एक्ट), 1878, (1 लसतंबर, 1949 को 3.3.2. भारतीय खजािा एवं गप् संशोथधत) ू यवान वस्तु को खजाने क यह अधधननयर् जर्ीन र्ें नछपे या क्रकसी भी स्िान पर दृढ़ क्रकसी भी र्प े रूप र्ें पररभावषत करते हुए, खजाना खोजने की प्रक्रियाओं और इसकी घोषणा पर चचाम करता है । 10 रुपये से अधधक र्प ू य के लर्ले क्रकसी भी खजाने के ललए, खोजकताम को, ल्जतनी जपद संभव हो, ल्जला कलेक्टर ु ाननत र्प को खजाने की प्रकृनत और अनर् ू य की रालश और उस स्िान क ू ना े बारे र्ें ललझखत रूप र्ें सच दे ने की आवश्यकता है । उस खजाने, ल्जसर्ें दावेदार हो सकते हैं, के ललए अधधननयर् प्रक्रियाओं की पहचान करता है और दावेदार को वववाददत दावों सदहत दावा करने के ललए सर्य दे ता है । ल्जस खजाने का कोई र्ाललक न हो, उस र्ार्ले र्ें, कलेक्टर उसे र्ाललक ववहीन घोवषत कर सकते हैं। कलेक्टर अधधननयर् र्ें ननददमष्ट्ट क ु प सरकार की ओर से खजाने को अधधग्रहीत भी कर सकते हैं। यदद े अनरू खोजकताम नोदटस नहीं दे ता है या अपनी पहचान को बदलने या छु पाने का प्रयास करता है, तो खोजकताम को नछपाने का दोषी ठहराया जा सकता है और दं डडत क्रकया जा सकता है । 7 कई राज्य संरक्षक्षत स्र्ारक भी हैं और नीचे बताये र्ये राज्य ववधानर्ंडलों के क्षेत्राधधकार र्ें हैं। 3.3.3. असम प्राचीि स्मारक और अलभिेख अथधनियम, 1959 (1959 का असम अथधनियम सं. XXV) ू क यह अधधननयर् संसद द्वारा कानन े तहत राष्ट्रीय र्हत्व के घोवषत से इतर असर् र्े प्राचीन एवं ऐनतहालसक ु ाताल्त्वक स्िलों एवं अवशेषों क ं स्र्ारकों और पर े संरक्षण के ललए है । ू पी. प्राचीि एवं ऐनतहालसक स्मारक और पर 3.3.4. य. ु ातत्व स्िि एवं अवशेष संरक्षण अथधनियम, ू पी. अथधनियम सं VII 1956,1957 का य. ू क यह अधधननयर् संसद द्वारा कानन े तहत राष्ट्रीय र्हत्व के घोवषत से इतर उत्तर प्रदे श र्े प्राचीन एवं ऐनतहालसक ु ाताल्त्वक स्िलों एवं अवशेषों को संरक्षण उपलब्ध कराता है । ं स्र्ारकों और पर ु ातत्व स्िि, अवशेष और किा निथध अथधनियम, 2016 (2016 का 3.3.5. झारखंड प्राचीि स्मारक और पर अथधनियम संख्या 14) ु ाताल्त्वक उत्खनन क यह अधधननयर् झारखंड र्ें पर ु ावशेषों क े ननयर्न और राज्य र्ें पर े संरक्षण के ललए ू क संसद द्वारा कानन े तहत राष्ट्रीय र्हत्व क ु ाताल्त्वक स्िलों े घोवषत से इतर प्राचीन स्र्ारकों और पर एवं अवशेषों के संरक्षण के ललए है । ु ातत्व स्िि, अवशेष और किा निथध अथधनियम, 1976 3.3.6. बबहार प्राचीि स्मारक और पर ु ाताल्त्वक उत्खनन क यह अधधननयर् बबहार र्ें पर ु ावशेषों क े ननयर्न और राज्य र्ें पर े संरक्षण के ललए ू क संसद द्वारा कानन े तहत राष्ट्रीय र्हत्व क ु ाताल्त्वक स्िलों े घोवषत से इतर प्राचीन स्र्ारकों और पर एवं अवशेषों को संरक्षण उपलब्ध कराता है । 3.4. अथधनियमों के तहत पररभाषाएाँ प्राचीन स्र्ारक: कोई भी संरचना, ननर्ामण या स्र्ारक या कोई स्तप ू या अंत्येल्ष्ट्ट स्िल, या धधकती हुई या कोई र्फ ू तमकला, लशलालेख या स्तंभ, जो ऐनतहालसक, पर ु ा, प्रस्तर-र्न ु ाताल्त्वक या कलात्र्क अलभरुधच का है , और जो सौ साल से ज्यादा सर्य से अल्स्तत्व र्ें है , के अवशेष और स्िल सर्ेत। - ू र् का दहस्सा जो उसी क ऐसे स्िल से सटी भल े संरक्षण, बचाव, रखरखाव और बनाये रखने के ललए आवश्यक या अपेक्षक्षत हो सकता है; और - पहुाँच क ु वधाजनक ननरीक्षण और र्रम्र्त; (बी) े साधन और उसका सव ु ावशेष : र्ें शालर्ल हैं: पर - ू तम, पें दटंर्, एवपग्राफ, या कला या लशपप कौशल क कोई भी लसक्का, र्न े अन्य कायम। - ु ा से अलर् क्रकया र्या कोई भी सार्ान, ववषय या वस्त; भवन या र्फ ु - ु ों क बीते यर् े ववज्ञान, कला, लशपप, सादहत्य, धर्म, रीनत-ररवाजों, नैनतकता या राजनीनत को प्रदलशमत करने वाला कोई भी सार्ान, ववषय या वस्त; ु - ु और ऐनतहालसक अलभरुधच का कोई भी सार्ान, ववषय या वस्त; 8 - कोई भी सार्ान, ववषय या वस्तु ल्जसे इसक ु ाताल्त्वक जुड़ाव क े ऐनतहालसक या पर े कारण राज्य सरकार इस अधधननयर् क ू ना क े प्रयोजन से राज्य सरकार आधधकाररक र्जट र्ें अधधसच े जररये ु ातन घोवषत करती है और जो सौ वषम से ज्यादा सर्य से अल्स्तत्व र्ें है और कोई भी पर ू य का है पांडुललवप, ररकॉडम या अन्य दस्तावेज जो वैज्ञाननक, ऐनतहालसक, सादहल्त्यक या सौंदयम र्प और जो पचहत्तर वषम से अधधक सर्य से अल्स्तत्व र्ें है । "आटम रे ज़र" का अिम है , र्ानवकृत कला का कोई भी कायम, राज्य सरकार द्वारा आधधकाररक राजपत्र र्ें ू ना क अधधसच ु ातनता क े जररये घोवषत पर ू य का होने से े कारण नहीं, बल्पक ऐनतहालसक और सौंदयम र्प इस अधधननयर् के प्रयोजन से एक आटम रे जर है; 3.5. निदहतािि संरक्षक्षत क्षेत्र क ु नत क े र्ाललक या कब्जाधारक सर्ेत कोई भी व्यल्क्त राज्य सरकार की अनर् े बबना संरक्षक्षत क्षेत्र के भीतर कोई भवन ननलर्मत नहीं करे र्ा या उस क्षेत्र र्ें कोई भी खनन, खोदाई, उत्खनन, ववस्फोट या सर्ान प्रकृनत की कोई भी र्नतववधध नहीं करे र्ा या ऐसे क्षेत्र या उसके क्रकसी भी दहस्से का क्रकसी भी तरह से उपयोर् नहीं करे र्ा: 3.5.1. संरक्षक्षत क्षेत्र में उत्खिि: इस अधधननयर् क ु ातत्व स्िल और अवशेष े तहत, यदद कोई संरक्षक्षत क्षेत्र प्राचीन स्र्ारक प्रावधान, पर अधधननयर्, 1958 (24, 1958) की धारा 24 के प्रावधानों के साि असंर्त नहीं है तो इस प्रयोजन से स्वीकृत लाइसेंस रखने वाला (आर्े लाइसेंसी क ु ाताल्त्वक अधधकारी या े रूप र्ें सदलभमत) एक पर mlds LFkku ij उसक ू ना दे कर े द्वारा अधधकृत कोई अधधकारी या कोई व्यल्क्त ननदे शक और र्ाललक को ललझखत र्ें सच उस संरक्षक्षत क्षेत्र र्ें प्रवेश कर सकता है और उत्खनन कर सकता है । 3.5.2. उत्खिि कायों क ु ावशेषों आदि का अनिवायि अथधग्रहण: े िौराि लमििे वािे पर ु ावशेष तलाशा जाता है, तो पर यदद कोई पर ु ातत्व अधधकारी या लाइसेंसधारी, जैसा भी र्ार्ला हो, (ए) ु ावशेषों की जााँच करें और राज्य सरकार को ननददम ष्ट्ट तरीक ल्जतना जपदी संभव हो, ऐसे पर े से और वववरणों क ु करें । (बी) उत्खनन कायों क े साि ररपोटम प्रस्तत ु ावशेषों की प्राल्प्त वाली भल े सर्ापन पर, पर ू र् क ु ावशेषों की प्रकृनत क े र्ाललक को ललझखत रूप से ऐसे पर े बारे र्ें नोदटस दें । जब तक इस तरह क ु ावशेष क े क्रकसी भी पर े अननवायम अधधग्रहण का आदे श उप-धारा के तहत नहीं क्रकया ु ाताल्त्वक अधधकारी या लाइसेंसधारी, जैसा भी र्ार्ला हो, जैसा वे उपयक् जाता है, पर ु त सर्झ सकते हैं, ु क्षक्षत अलभरक्षा र्ें रखें र्े। उन्हें सर उप-धारा के तहत ररपोटम प्राप्त होने पर, राज्य सरकार इस तरह क ु ावशेषों को बाजार र्प े पर ू य पर अननवायम अधधग्रहण का आदे श दे सकती है । 9 4. पी.सी.आर.छािबीि प्रक्रिया यह स्पष्ट्ट है क्रक पी.सी.आर. की पहचान करने और यह ननधामररत करने क्रक उनर्ें से कौन पररयोजना से प्रभाववत हो सकता है , क ु ाय क े ललए सर्द ू म छानबीन (कायामन्वयन े परार्शम से पररयोजना क्षेत्र की पव ु होने से पहले) प्रनतक र्नतववधध शरू ू र्का ननभा सकती है । यह ू ल पररल्स्िनतयों को रोकने र्ें एक बड़ी भल ु वधाजनक बनाने क खंड उपरोक्त को सव े ललए ववकलसत छानबीन प्रक्रिया के बारे र्ें बताता है । ु आत र्ें पी.सी.आर. छानबीन शरू योजना और डडजाइन चरण की शरु ु करनी चादहए, और इसे पयामवरण डेटा शीट (ई.डी.एस.) की तैयारी क ु क्रकया जाना चादहए। पी.सी.आर.छानबीन प्रारूप (इस े सर्य ही शरू ु ग्नक र्ें संलग्न), ई.डी.एस. से अनल अनल ु ग्नक के रूप र्ें जुड़ा होना चादहए। पी.सी.आर.छानबीन प्रारूप र्ें ं धत सभी प्रासंधर्क ननष्ट्कषों का ननस्तारण करने की शर्न नीनत को दजम प्रभाववत पी.सी.आर. से संबध पयामवरण प्रबंधन योजना (ई.एर्.पी.) र्ें शालर्ल क्रकया जाना चादहए। ु नल्श्चत करने क्रक संबध प्रभाववत पी.सी.आर. को सही ढं र् से धचल्ननत करने और यह सन ु ायों क ं धत सर्द े ु त ढं र् से शालर्ल कर ललये र्ये हैं, सार्द ववचार और भावनाएाँ उपयक् ु ानयक परार्शों को ल्जतना संभव हो, ू म है । परार्शम पयामप्त पव उतनी र्हराई और सघनता से करना र्हत्वपण ू ना क ू म ललझखत सच े साि आयोल्जत क्रकया जाना चादहए और उपल्स्िनत र्ें प्रनतभाधर्यों क ु ायों सदहत स्िानीय े लर्श्रण र्ें प्रभाववत सर्द ु ाय को सभी पी.सी.आर.पर प्रस्ताववत पररयोजना क जनांक्रककी का प्रनतननधधत्व होना चादहए। सर्द े ननदहतािों और संभाववत शर्न ववकपपों से अवर्त कराया जाना चादहए। साि ही, उन्हें ननर्ामण के ं धत र्नतववधधयों जैसे सार्ग्री भंडारण, अपलशष्ट्ट ननस्तारण, श्रर् लशववर आदद सर्ेत सभी ननदहतािम या संबध ं धत वववरणों क संबध ू चत क्रकया जाना चादहए। े बारे र्ें सध छानबीनक ं धत सरकारी े सर्य, सार्ाल्जक ववशेषज्ञ, पररयोजना अलभयंता/तकनीकी ववशेषज्ञ और संबध अधधकाररयों को परार्शम प्रक्रिया र्ें शालर्ल क्रकया जाना चादहए। पी.सी.आर. छानबीन प्रारूप (संलग्न प्रारूप दे खें) क ु करते सर्य योजना र्ानधचत्र और आरे ख भी उपलब्ध होने चादहए। े अलावा, छानबीन प्रक्रिया शरू 4.1. पी.सी.आर. छािबीि के चरण ं धत परार्शों की योजना : 1) प्रभाववत पी.सी.आर. की पहचान और संबध a. ग्रार् पंचायत के साि पररचयात्र्क बैठक के दहस्से क ं धत पी.सी.आर. े रूप र्ें , सभी संबध ु नल्श्चत करने क का सीर्ांकन सन ु ायों की पहचान और े ललए क्षेत्र र्ें दहतधारकों और सर्द र्ानधचत्रण करें । ू ों और क्षेत्र क b. ववलभन्न टोला/वाडों और वहां रहने वाले सर्ह े क्रकसी दहस्से का उपयोर् कर सकने वालों, यहााँ तक ग्रार् पंचायत के आसपास रहने वालों की पहचान करने के ललए ं ी क्रकसी भी बन ग्रार् पंचायत का र्ानधचत्रण करें , ताक्रक योजना संबध ु नयादी ढााँचे के ललए योजना बनायी जा सके। c. ववलभन्न दहतधारकों से संपकम करें और उनसे लर्लने के ललए उधचत सर्य धचल्ननत करें । 10 d. पी.सी.आर. पहचान क ू ों क े ललए, ववलभन्न क्षेत्रों र्ें और ववलभन्न सर्ह े साि एक से अधधक परार्शम बैठक आयोल्जत करने की जरूरत पड़ सकती है । इस पर सार्ाल्जक ववशेषज्ञ क ं ों क े साि चचाम की जानी चादहए, ल्जनकी क्षेत्र र्ें सार्ाल्जक संरचना और संबध े बारे र्ें एक सर्झ है । 2) पी.सी.आर. छानबीन प्रक्रिया के ललए परार्शम का संचालन a. योजना, उसके घटकों और स्िान और परार्शम बैठक के लक्ष्य के बारे र्ें बतायें। b. क्षेत्र र्ें संभाववत पी.सी.आर. की पहचान करने के ललए छानबीन प्रारूप का उपयोर् करें । c. जहााँ पी.सी.आर. की पहचान की जाती है, स्िान की पहचान करने क ू े क्षेत्र र्ें े ललए पर ू कर जााँच करें । पी.सी.आर. छानबीन प्रारूप र्ें प्रासंधर्क वववरण भरें और पैदल घर् ू कर जााँच करना न योजना र्ानधचत्र पर पी.सी.आर. को धचल्ननत करें । यह पैदल घर् के वल पी.सी.आर. के स्िान की पहचान करने क ू म होर्ा, बल्पक यह भी े ललए र्हत्वपण पता चलेर्ा क्रक क्या पररयोजना द्वारा इनके प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रभाववत होने की संभावना है । d. सभी पी.सी.आर., जो पररयोजना की र्नतववधधयों से प्रभाववत हो सकते हैं, के ललए कायामलय र्ें , पररयोजना इंजीननयरों और तकनीकी टीर् की र्दद से, पहचान क्रकये र्ये क्रकसी भी प्रनतकू ल प्रभाव से बचने या कर् करने के ललए योजना डडजाइन के ललए ववकपपों के सेट की पहचान करने पर कार् करें । e. ववलभन्न ववकपपों के साि पी.सी.आर. क ु ाय क े स्वालर्त्व वाले सर्द े पास लौटें और योजना र्नतववधध से प्रभावों को प्रबंधधत/शर्न करने क ु त तरीक े सबसे उपयक् े की पहचान करें । f. सभी बैठकों को ररकॉडम करें और वववरण दजम करें और सभी पी.सी.आर. के ललए बैठकों के वववरणों को पी.सी.आर. छानबीन प्रारूप से संलग्न करें । ु नल्श्चत करें क्रक आपक g. पी.सी.आर. छानबीन कायम करते सर्य, सन े पास भार् डी और ई की एक से अधधक प्रनतयााँ हों, क्योंक्रक अर्र एक से अधधक पी.सी.आर. धचल्ननत होते हैं तो प्रत्येक पी.सी.आर. क ृ क वववरण भरना पड़ेर्ा। े बारे र्ें पि 3) पी.सी.आर.प्रारूप भरना ु त ई.डी.एस. और पी.सी.आर. परार्शम बैठक र्ें , पी.सी.आर. का पररचय दें और a. संयक् सर्झायें क्रक वे क्या हैं। ू ें क्रक क्या बैठक र्ें क्रकसी को योजना क्षेत्र र्ें पी.सी.आर. क b. पछ े बारे र्ें जानकारी है ।. c. यदद हााँ, तो क्षेत्र र्ें पी.सी.आर. क ु ाय क े बारे र्ें जानने वाले सर्द े उन सदस्यों की पहचान करें , और उनके परार्शम से योजना के र्ानधचत्र और योजना क्षेत्र र्ें पी.सी.आर. को धचल्ननत करें । 11 d. पररयोजना के तकनीकी ववशेषज्ञ / इंजीननयर के साि उन जर्हों पर जायें जहााँ ु नल्श्चत कर सक पी.सी.आर. हैं ताक्रक यह सन ें क्रक क्या वे पररयोजना र्नतवधधयों से प्रभाववत हो सकते हैं। e. अर्र क्रकसी पररयोजना र्नतववधध से पी.सी.आर.के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से, प्रभाववत होने की संभावना है ; तो पी.सी.आर. प्रारूप के बाकी दहस्सों को भरें । यदद नहीं, तो भार् सी के पहले खंड के बाद प्रारूप भरने की कोई आवश्यकता नहीं है । भले ही योजना क्षेत्र र्ें पी.सी.आर. प्रभाववत न हों, कृपया ईडीएस क ु ग्नक क े अनल े रूप र्ें पी.सी.आर. छानबीन प्रारूप को दाझखल करें । f. उन योजनाओं के ललए, जहााँ पी.सी.आर. पररयोजना र्नतववधधयों से प्रभाववत हो सकते हैं, अर्र धारा ई के 1 से 6 तक के क्रकसी भी प्रश्न पर हााँ भरें , तो पी.सी.आर. स्िल को ु ाय क स्िानांतररत/ संशोधधत करने या ददशा-पररवतमन करने की संभाववत जरूरत पर सर्द े ृ चचाम करें । साि ववस्तत g. चूंक्रक यह संभव है क्रक के वल ewy ु ाय ही अपने पी.सी.आर. क सर्द े बारे र्ें जानते हैं/ जानकारी दे सकते हैं, इसललए पी.सी.आर. प्रारूप को अंनतर् रूप दे ने से पहले योजना र्ें ु ायों क ववलभन्न सर्द ू म है । े साि परार्शम करना र्हत्वपण h. फॉर्म के भार् ई को अंनतर् रूप दे ने से पहले, योजना से संभाववत प्रभाव का आकलन करने के ललए धचल्ननत पी.सी.आर. के पास जाना चादहए। पी.सी.आर. क ु ाय े र्ाललक सर्द के सदस्यों के साि परार्शम क्रकये जाने वाले इस दौरे र्ें पररयोजना ववशेषज्ञ/इंजीननयर को शालर्ल क्रकया जाना चादहए। i. यह सन ु नल्श्चत करने के ललए सभी सर्द ु ायों से परार्शम हुआ है , एक से अधधक परार्शम क्रकये जा सकते हैं और स्कीर् क्षेत्र र्ें पी.सी.आर. छानबीन ऐसे सभी संसाधनों का एक ू यांकन है । व्यापक र्प 4) ईडीएस र्ें सर्ावेशन a. एक बार पी.सी.आर. प्रारूप भर जाने के बाद, इसे ई.डी.एस. के साि क्रकसी नक्शे, बैठक के वववरण आदद के साि जोड़ा जाना है । ु दों को पर b. धचल्ननत र्द् ु ार् क ु ातत्व और अन्य ननष्ट्कषों से ननपटने वाले अनभ े तहत ई.डी.एस. र्ें शालर्ल क्रकया जाता है । 5) प्रबंधन क्रियाओं की पहचान ू क सभी योजनाएाँ, जहााँ पी.सी.आर.प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से योजना की र्नतववधधयों a. चंक्र से प्रभाववत हो सकते हैं, श्रेणी 2 योजनाएाँ हैं, इसललए पररयोजना के ललए एक ई.एर्.पी.बनाने की आवश्यकता है । b. ई.एर्.पी. र्ें पी.सी.आर. के ननष्ट्कषों को शालर्ल करें c. उधचत शर्न और प्रबंधन कायों को पहचानें। 12 d. योजना के ववलभन्न चरणों र्ें ल्जम्र्ेदाररयों सदहत पी.सी.आर. प्रबंधन के ललए आवश्यक ददशा-ननदे श तैयार करें । e. उधचत ननर्रानी योजना की पहचान करें । f. पी.सी.आर. प्रबंधन कायम क ु नल्श्चत करें क्रक वह े ललए लार्त का आकलन करें , और यह सन सर्ग्र योजना लार्त र्ें शालर्ल है । जहााँ पी.सी.आर. की पहचान की र्यी है , उनके ई.डी.एस. और ई.एर्.पी. की सर्ीक्षा बैंक कर्मचाररयों ु तता द्वारा की जायेर्ी। सर्ीक्षा र्ें योजना प्रक्रिया को र्ंजूरी दे ने से पहले प्रबंधन कायों की उपयक् शालर्ल होर्ी। पी.सी.आर. छानबीन प्रारूप और वववरण के साि ई.डी.एस. का प्रकाशन पररयोजना की वेबसाइट पर क्रकया ं धत ववशेषज्ञता वाले व्यल्क्तयों क जायेर्ा। हालांक्रक, जब उधारकताम, बैंक और संबध े परार्शम से, यह ननधामररत करे क्रक izk:i dks ु क्षा या अखंडता को खतरे सावमजननक क्रकया जाना भौनतक सांस्कृनतक संसाधनों की सर र्ें डालेर्ा या भौनतक सांस्कृनतक संसाधनों के बारे र्ें जानकारी के स्रोत को खतरा हो सकता है , तो सावमजननक क्रकये जाने क ु ं क े अपवादों पर ववचार क्रकया जा सकता है । ऐसे र्ार्लों र्ें , इन ववशेष पहलओ े बारे र्ें संवेदनशील जानकारी ई.ए. की ररपोटम से हटायी जा सकती है । 5. प्रबंधि के किम यह खंड पररयोजना कायामन्वयन र्नतववधधयों द्वारा पी.सी.आर. के प्रभाववत होने की ववलभन्न ल्स्िनतयों/पररदृश्यों/तौर-तरीकों के संदभम र्ें संभाववत शर्न उपायों पर र्ार्मदशमन दे ता है । इस संबध ं ु ाये र्ये प्रबंधन कायों र्ें ववत्त भी ननदहत हो सकता है । र्ें सझ 5.1. योजिा की डडजाइि और स्िािीय पहिुओं के कारण पी.सी.आर. पर प्रभाव पररस्स्िनत -1 योजना की क ू टी.पी., पल्म्पंर् स्टे शन, र्ुख्य पाइपलाइन, ु छ प्रर्ुख बुननयादी ढााँचे जैसे डब्ल. पी.सी.आर. स्िल पर ल्स्ित है । प्रबंधि के संभाववत कायि ु ाय पी.सी.आर. को प्रनतस्िावपत करिे पर सहमत हो जाता है9, ववकल्प-1: यदद सर्द 9र्ैर-प्रनतरूपणीय सांस्कृनतक ववरासत, पी.सी.आर., जो अपने र्ूल स्िान पर सबसे अच्छी तरह से संरक्षक्षत हो सकते हैं, को प्रनतस्िावपत क्रकये जाने पर अपूरणीय क्षनत या नष्ट्ट होने की आशंका है तो उन्हें तब तक प्रनतस्िावपत नहीं क्रकया जाना चादहए जब तक क्रक (i) उनके प्रनतस्िापन/हटाने के अलावा कोई तकनीकी या ववत्तीय रूप से 13  पी.सी.आर.के र्ाललक सर्ुदाय और वैकल्पपक स्िल के र्ाललक के साि परार्शम करके पी.सी.आर. के प्रनतस्िापन के ललए वैकल्पपक स्िल की पहचान करें ।  पी.सी.आर.के प्रनतस्िापन के सर्य कोई आपवत्त या असहर्नत नहीं होने के िर् र्ें वैकल्पपक स्िल के पास रहने वाले या क्रकसी भी सार्ाल्जक या अन्य र्नतववधधयों के ललए क्षेत्र का उपयोर् करने वाले अन्य सर्ुदायों से भी पी.सी.आर. के सुचारु हस्तांतरण को सुननल्श्चत करने के ललए परार्शम क्रकया जाना चादहए।  टीर् के सार्ाल्जक ववशेषज्ञ के साि लर्लकर सार्ाल्जक प्रबंधन ढााँचे र्ें धचल्ननत प्रक्रिया के ु ार भू-स्वालर्त्व और स्वालर्त्व/खरीद आदद क अनस े हस्तांतरण की पहचान करें ।  प्रनतस्िापन के ललए स्िानीय त्योहारों, ववश्वासों और प्राकृनतक घटनाओं (जैसे बाररश का ु ायों क र्ौसर्) पर ववचार करने की आवश्यकता पड़ सकती है , इसललए भार्ीदार सर्द े साि लर्लकर प्रनतस्िापन की योजना बनायें, ल्जससे र्ार्मदशमन लर्ल सकता है क्रक पी.सी.आर. को कब प्रनतस्िावपत क्रकया जा सकता है ।  सर्ुदाय के साि लर्ल कर नया पी.सी.आर.स्िल तैयार करने के ललए कायों की पहचान करें और यह सुननल्श्चत करें क्रक प्रनतस्िापन से पहले नया स्िल तैयार हो जाये।  पी.सी.आर. प्रनतस्िावपत करने के ललए पी.सी.आर. के स्वार्ी सर्ुदाय के साि लर्ल कर कार् करें । इसके ललए टीर् और सर्ुदाय के बाहर के ववशेषज्ञों की आवश्यकता हो सकती है और इसललए इन ववशेषज्ञों को प्रनतस्िापन शुरू करने से पहले की प्रक्रिया के ललए संपकम करने और लाने की आवश्यकता हो सकती है ।  प्रनतस्िापन पूरा हो जाने के बाद ही स्िल पर योजना से संबंधधत र्नतववधधयााँ शुरू करें ।  प्रनतस्िापन करने के पहले र्ूल स्िान पर पी.सी.आर. की तस्वीरें , र्ाप आदद को लेने की सलाह दी जाती है , क्योंक्रक भववष्ट्य र्ें संदभम के ललए जरूरी है । ु ाय पी.सी.आर. को स्िािांतररत/प्रनतस्िावपत करिे क ववकल्प-2: यदि समि े लिए सहमत िहीं है , िेक्रकि दिशा पररवतिि के लिए सहमत है  पी.सी.आर. के र्ाललक सर्ुदाय से ये पता करें क्रक क्या वे ददशा पररवतमन के ललए या योजना के बुननयादी ढााँचे के ललए जर्ीन के दहस्से का उपयोर् करने की अनुर्नत दे ने पर सहर्त हैं।  यदद हााँ, तो ददशा पररवतमन कायम की पहचान करने के ललए सर्ुदाय के साि कार् करें , ु ाय क सर्द े साि योजना तैयार करें । यदद जरूरत पड़े तो र्दद लेने और सर्ुदाय के साि ददशा पररवतमन करने के ललए बाहर के ववशेषज्ञों को लायें। सुननल्श्चत करें क्रक ददशा पररवतमन व्यावहाररक ववकपप नहीं है ; (ii) सर्ग्र पररयोजना से लर्लने वाला लाभ पी.सी.आर.के नुकसान से र्हत्वपूणम होता है ; और सभी ननवारण और प्रनतस्िापन सवोत्तर् उपलब्ध तकनीकों का उपयोर् से क्रकया जाता है । 14 से पहले क्षेत्र की तैयारी और शालर्ल सर्ुदायों की भावनाओं के अनुसार उपयुक्त र्ौसर्/ददन के सर्य इत्यादद सर्ेत सभी योजना पहले ही बना ली र्यी है । कार् पूरा हो जाने के बाद, योजना संबंधी सभी र्नतववधधयााँ शुरू की जा सकती हैं।  पी.सी.आर. र्ें क्रकये जाने वाले क्रकसी भी अनुष्ट्ठान और ननर्ामण र्नतववधधयों से बाधा एवं पी.सी.आर. क े टूटने होने को ध्यान र्ें रखते हुए पी.सी.आर. छानबीन परार्शम के एक दहस्से के रूप र्ें , बुननयादी ढााँचा के ननर्ामण क े ललए सबसे उपयुक्त सर्य की पहचान करें ।  पी.सी.आर. र्ें र्ड़बड़ी या कायम र्ें बाधा को कर् करने की दृल्ष्ट्ट से ननर्ामण के दौरान सभी ु दों का स्पष्ट्ट रूप से धचननांकन एवं कायामन्वयन सन कायम एवं र्द् ु नल्श्चत करने के ललए ठे का ु ंध र्ें आवश्यक कायों की पहचान करें । इनर्ें से क अनब ु ानयक चचाम क ु छ को सार्द े जररये पहचाना जा सकता है , और इसे छानबीन प्रक्रिया का दहस्सा होना चादहए।  पी.सी.आर. र्ें ववघ्न कर् करने क ु नयादी ढााँचा क े ललए पी.सी.आर.और बन ु तता े बीच उपयक् क ु ार चारदीवारी जैसा कोई अवरोध बनाने पर ववचार करें । हालााँक्रक, यह उस सर्द े अनस ु ाय के साि चचाम के जररये क्रकया जाना चादहए, ल्जसका पी.सी.आर. है ।  ददशा पररवतमन के बाद पी.सी.आर. की अखंडता को सुननल्श्चत करने के ललए पररयोजना के तकनीकी ववशेषज्ञ/इंजीननयर को सभी ददशा पररवतमन र्नतववधधयों र्ें शालर्ल करें । यह इसललए भी जरूरी है क्योंक्रक बुननयादी ढााँचा की डडजाइन पर भी ददशा पररवतमन का प्रभाव पड़ सकता है ।  प्रनतस्िापन से पहले र्ूल स्िान पर पी.सी.आर. की तस्वीरें , र्ाप आदद को लेने की सलाह दी जाती है , क्योंक्रक भववष्ट्य र्ें संदभम के ललए यह जरूरी है । ु ाय पी.सी.आर. को स्िािांतररत/प्रनतस्िावपत करिे क ववकल्प-3: यदि समि े लिए सहमत िहीं ूम क है ,िेक्रकि पी.सी.आर. भल ु ियािी ढााँचा की अिम े दहस्से पर योजिा की बन ु नत िे िे पर सहमत है  यदद सर्ुदाय बुननयादी ढााँचा ननर्ामण के ललए पी.सी.आर. भूलर् के दहस्से का उपयोर् करने की अनुर्नत दे ने को तैयार है, तो उपयोर् क्रकये जाने वाले सहर्त क्षेत्र और उस भूलर् पर क्रकये जा सकने वाले और नहीं क्रकये जा सकने वाले कायों की पहचान करें । तकनीकी ववशेषज्ञ/इंजीननयर के साि बुननयादी ढााँचा डडजाइन तैयार करें और सर्ुदाय को ु नल्श्चत करने क उपलब्ध करायें। यह सन े ललए क्रक ननर्ामण के बाद सार्ुदानयक भावनाएाँ आहत नहीं हों, 5 ग्रार् पंचायत) वह लघु बहु-ग्रार् योजनाएाँ (1-5 ग्रार्  एकल ग्रार् योजनाएाँ  पंचायत)  एकल बस्ती योजना  वाडम स्तरीय योजना दायरा संख्या नार्* ग्रार् पंचायतें बस्ती वाडम ू ी संलग्न करें *यदद 5 से ज्यादा हैं तो अलर् सच र्हत्वपूणम योजना घटक (लार्ू होने वाले सभी पर दटक लर्ायें):  इनटे क : तैरता बजरा और पंप  पंप हाउस  ववतरण संजाल  इनटे क : अंतग्रमहण कु आाँ और पंप  कच्चे पानी का पाइपलाइन  बूस्टर पंपहाउस  बहु एच.वाई.डी.टी.  जल शोधन संत्र  एकल ई.एस.आर.  एक एच.वाई.डी.टी.  ववतरण र्ुख्य  बहु ई.एस.आर. योजना की पयामवरण श्रेणी (श्रेणी 1 या 2): ू त योजना का पण ू ा हुआ  ननर्ामणाधीन  तैयारी क म ा चरण :  पर े अधीन 26 भाग बी ु नयादी ढााँचाका ननर्ामण क्रकया जा रहा है , या जहााँ हााँ क्या जहााँ पररयोजना की बन नहीं पररयोजना से उत्सल्जमत क्रकसी अपलशषट का ननस्तारण क्रकया जा रहा है , उन क्षेत्रों र्ें रहने वाले दहतधारकों के साि परार्शम प्रक्रिया की र्यी है ? यदद हााँ, तो क्या परार्शम   र्ें पी.सी.आर. पर चचाम शालर्ल है ? (इन पी.सी.आर. र्ें जलननकाय, पेड़ या अन्य जीव या वनस्पनतयााँ, चट्टानें या अन्य भौनतक और पररदृश्य स्िान, कब्र या दफन स्िल आदद शालर्ल हो सकते हैं, जैसा इस प्रारूप की धारा 1 र्ें पररभावषत क्रकया र्या है )। यदद हााँ, तो आर्े बढ़ें ।.यदद नहीं, तो पहले पी.सी.आर. पर परार्शम करें , और क्रफर आर्े बढ़ें । योजना का नार् (यदद लार्ू हो): पी.सी.आर. संख्या : योजना की आई.डी. (यदद लार्ू हो): भाग सी योजना के आसपास क्रकतने पी.सी.आर. की पहचान की र्यी है (संख्या दें )?  क्या योजना या इसके क्रकसी दहस्से से धचल्ननत पी.सी.आर.(प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से) हााँ नहीं प्रभाववत होर्ा?   यदद हााँ, तो आर्े बढ़ें । यदद नहीं, तो आपको शेष प्रारूप भरने की आवश्यकता नहीं है । यदद हााँ, तो क्रकतने? (संख्या दें )? यदद एक है , तो खंड डी और ई भरें , आपको इस प्रारूप को के वल एक बार भरने की आवश्यकता है ।  यदद एक से अधधक है , (i) कृ पया खंड डी और ई प्रारूप की कई प्रनतयााँ बनायें और प्रनत प्रभाववत पी.सी.आर. की पृिक प्रनत भरें , और (ii) ववलशष्ट्ट पहचान सुननल्श्चत करने क े ललए प्रत्येक पी.सी.आर. को अलर् संख्या दें और सभी प्रारूपों को एक दस्तावेज के रूप र्ें संलग्न करें । 27 योजना का नार् (यदद लार्ू हो): पी.सी.आर. संख्या : योजना की आईडी (यदद लार्ू हो): भाग डी 1. बहु पी.सी.आर. के र्ार्ले र्ें , यहााँ र्ौजूदा पी.सी.आर. की संख्या भरें  2. पी.सी.आर. स्िल : कृपया योजना लेआउट के र्ानधचत्र, रे खाधचत्र या स्के च पर इस पी.सी.आर. के स्िल को इंधर्त करें । जहााँ पी.सी.आर. ल्स्ित है , उस क्षेत्र के नार् का उपलेख करें और जहााँ संभव हो, संबंधधत ग्रार् पंचायतों के जीपीएस का उपलेख करें । कृपया स्िल का वववरण दें : कृ पया ल्स्रप प्लान पर योजना के सभी पी.सी.आर.स्िल धचल्ननत करें और इसे इस दस्तावेज र्ें शालर्ल करें । 3. पी.सी.आर. की प्रकृनत/प्रकार : 4. कृपया पी.सी.आर. का उपयोर् करने वाले या पी.सी.आर. ल्जनके स्वालर्त्व र्ें है , उस सर्ुदाय/सर्ूह का नार् ललखें : े र्ें बताये। 5. पी.सी.आर. का र्हत्व और उपयोधर्ता क्या है ? कृपया संक्षप 6. क्या पी.सी.आर. राज्य या राष्ट्रीय स्तर के क्रकसी ननयर् के तहत संरक्षक्षत है ? हााँ नहीं   7. यदद हााँ, तो कृपया ननयर् का वववरण दें । 28 योजना का नार् (यदद लार्ू हो): पी.सी.आर. संख्या : योजना की आईडी (यदद लार्ू हो): भाग ई पी.सी.आर. पर इस योजना का प्रभाव हााँ नहीं ु नयादी ढााँचा का कोई दहस्सा पी.सी.आर. स्िल पर ननलर्मत 1. क्या योजना की बन   है या ननलर्मत होने के ललए प्रस्ताववत है? ु नयादी ढााँचा का कोई दहस्सा पी.सी.आर. क 2. क्या योजना की बन े ननकट या   दायरे र्ें बन रहा है या बनने की संभावना है? ू ी बतायें : यदद हााँ, तो कृपया र्ीटर र्ें दर ु नयादी ढााँचा का कोई दहस्सा या ननर्ामण या पररचालन एवं 3. क्या योजना की बन   रख-रखाव (ओ. ऐंड एर्.) र्नतववधध पी.सी.आर.तक पहुाँचने के रास्ते र्ें ु ाय की भावनाओं रुकावट डाल रही है , या र्हत्व को कर् कर रही है या सर्द को चोट पहुाँचा रही है? ु दो का वववरण दें यदद हााँ, तो र्द् 4. क्या पररयोजना से ननकलने वाला कोई कू ड़ा या पानी पी.सी.आर. से जुड़े या   सटे क्षेत्र र्ें जा रहा है या जाने की संभावना है? यदद पी.सी.आर. के पास कू ड़ा या पानी जर्ा करने का कोई स्िान (संभाववत) ू ी ललखें और ववस्तार से वववरण दें क्रक यह क है , तो कृपया र्ीटर र्ें दर ै से पी.सी.आर. को प्रभाववत करता है । 5. ननर्ामण क ं या सार्ग्री भंडार बनाने जैसी े दौरान, क्या श्रलर्क लशववर या संयत्र   क्रकसी भी र्नतववधध के ललए पी.सी.आर. स्िल पर या उसके पास जर्ीन अधधग्रहीत की जानी है? यदद हााँ, तो कृपया वववरण दें । 6. क्रकसी भी और तरह का प्रभाव [कृपया ववस्तार से बतायें, यदद जरूरत हो तो   ृ ठ जोड़ें] अनतररक्त पष्ट् 29 7. क्या परार्शम क ु ार सर्द े अनस ु वधाजनक बनाने क ु ाय योजना ननर्ामण को सव े   ललए पी.सी.आर. स्िल के स्िानांतरण/संशोधन/बदलाव के ललए सहर्त है? क्रकसी भी र्ार्ले र्ें , परार्शम के वववरण का प्रासंधर्क सार या सापेक्षक्षक पी.सी.आर. स्िल क ु ाय े स्िानांतरण/ संशोधन/ बदलाव पर अधधकृत सर्द प्रनतननधध/सक्षर् अधधकारी से वैध दस्तावेज को संलग्न करें । 30