बहार जलापू त एवं व छता – सामािजक आकलन, मता नमाण और संचार ढाँचे पर अ ययन कायकार सारांश प रयोजना संदभ अ ैल, 2009 से लागू रा य ामीण पेयजल काय म (एनआरडीड लूपी) के दशा नदश पेयजल आपू त कम क योजना, या वयन और बंधन म पंचायती राज सं थाओं और समुदाय क भागीदार पर जोर दे कर जलापू त क ि थ त को ठ क करना चाहते ह। व भ न रा य क ू स) े लए पाइ ड जलापू त (पीड लए क म क उपल धता क भौ तक ग त पर आंकड़े इं गत करते ह क असम, बहार, झारखंड और उ र दे श भारत के शेष रा य से पीछे ह। इसके आगे, रा य जल क गुणव ा के मु दे का सामना भी कर रहे ह िजसक ू दराज क े लए दर े सुर त ोत से जल आपू त क आव यकता पड़ती है । उपयु त प ृ ठभू म के संदभ म, पेयजल एवं व छता मं ालय (एमओडीड लूएस), भारत सरकार ने बहार समेत पछड़े रा य के लए ामीण जलापू त एवं व छता प रयोजना को समथन क ू ी का एक पथ े लए व व बक से आ ह कया। व व बक सम थत काय म एनआरडीड लप ृ क घटक होगा जो भ न आवंटनमानदं ड और फं डंग घटक के साथ पछड़े रा य पर यान क त करे गा, ले कन एनआरडीड लूपी के ढाँचे के भीतर याि वत होगा। बहार ामीण जलापू त एवंव छता प रयोजना ने व भ न चरण म बहु और एकल ाम पाइ ड जल क म क े या वयन के लए 10 िजले यानी पि चमी च पारण, सारण, मुज फरपुर, बेगूसराय, पू णया, नालंदा, पटना, ु ेर और बाँका को चन नवादा, मंग ु ा है । रा य सरकार क ु ार, िजल का चयन न न आधार पर कया गया है : े अनस i) कृ ष जलवायु े ; ii) पाइ ड जल क म क उपल धता (पीड लूएस); iii) पीड लूएस क म का पंचायत को ह तांतरण; और iv) जल क गुणव ा क सम याओं वाल बसावट (आस नक, लौह, लूराइड इ या द समेत जल क गुणव ा के वभ न कार के मु दे )। सामािजक आकलन क आव यकता चय नत िजल म, प रयोजना के चय नत िजल म वतमान सामािजक-आ थक ि थ तयाँ, लाभाथ ोफाइल एक प नह ं हो सकती है , बि क उनके भेदपूण धम व यास, लंग, जातीयता, व भ न आ थक समूह , और अ य े ीय वशेषताओं के आधार पर पहचाने जाने यो य कई उप-समह ू स हत काफ ू हो सकती है । इस लए व वधतापण चुनौती ामीण एवं जनजातीय गर ब और अ य सामा यतया सा मजक प से ब ह कृत उप-समूह क ओर वशेष यान क ू क आव यकता को पूण करने म न हत है । इसक े साथ सभी उप-समह े अलावा, प रयोजना म कुछ आंत रकऔर अ य बाहर , बड़ी सं या म अंशधारक ह िजनका प रयोजना क ग त व धय और प रणाम पर अलग- अलग तर का दबाव और असर होगा। यह सभी मु य अंशधारक क भागीदार के लए ढाँचा उपल ध कराने और प रयोजना डजाइन एवं डल वर णाल म उनका योगदान लेना प रयोजना के लए आव यक बनाता है । इस लए, सामािजक आकलन (एसए) सामािजक वकास के मु द को समझने और उनका न तारण करने और समावेशन, एकजुटता, समानता, सुर ा और जवाबदे ह के प रणाम को ा त करने के लए अ ययन करता है। यह ता वत प रयोजना ह त ेप के सामािजक भाव का आकलन करने; नकारा मक भाव को कम करने और सकारा मक भाव को बढ़ाने के उपाय को वक सत करने; ि टकोण म न हत स धांत को पूरा करने म स म बनाने के लए व धक, नी तगत एवं सं थागत पहलुओं के पर ण के भी यो य बनाता है। इस तरह, इस अ ययन का मु य ु ता, समता, सर उ दे य समावेशन, एकजट ु ा एवं जवाबदे ह के प म सामािजक वकास के मु द को समझना और ृ अंशधारक व लेषण क पहचान और आयोजन करना; न ता रत करना है । अ ययन का वशेष उ दे य व तत ता वत प रयोजना ह त ेप के सामािजक भाव का आकलन करना; नकारा मक भाव को कम करने और सकारा मक भाव को बढ़ाने के उपाय को वक सत करना; और ि टकोण के आधार पर स धांत को पूरा करने म स म होने के लए उपयु त व धक, नी तगत और सं थागत पहलुओं क समी ा करना और सुझाव दे ना है । लाभाथ आकलन उ रदाताओं का सामािजक-आ थक ोफाइल कये गये सामािजक आकलन के नमूना सव ण पर आधा रत है। सामािजक आकलन क या के दौरान मु य ु ाय यान समद वारा सामना कये जा रहे जलापू त से संबं धत मुख सम याओं और ठोस एवं तरल अप श ट बंधन से जुड़े मु द को भी समझने के लए समुदाय से संपक करने पर था – उनसे िजनक पानी तक पहुँच हड पंप के ज रये है और उनसे िजनके पास घरे लू पाइपयु त जलापू त कने शन है । के वल 72 तशत उ रदाताओं के पास पाइपयु त घरे लू कने शन है। मु य न कष म शा मल ह : ू ह,  पंचायत का भौगो लक ढाँचा : जहाँ तक साम ी/ त ठान/सामािजक प र य क बात है , गाँव व वधतापण यह दे खा गया क औसतन एक पंचायत म 11 से 12 बसावट ह, 10 चय नत पंचायत म 115 बसावट पायी गयीं। इसक े आगे, जो गाँव पंचायत क ू ह, वहाँ हड पंप और शौचालय जैसे बु नयाद ढाँच क े मु य गाँव से दर सं या अपे ाकृत कम पायी गयी।  प रवार का आकार: संपक कये गये घर म प रवार का औसत आकार 6.5 (हालाँ क यह 7 से 15 क े दायरे म है) पाया गया। 2011 क जनगणना क े अनुसार बहार क े गाँव म एक घर म औसतन 6 सद य ह। इस तरह, एक घर क े लए सि ृ जत शौचालय सु वधा ऊपर उ धत ृ प रवार आकार क े लए पया त नह ं है ।  सा रता : संपक कये गये घर क सा रता दर न न पायी गयी, लगभग 38 तशत उ रदाता सा र थे। इसक े आगे, सहभा गता ामीण मू यांकन और फोकस समह ू चचाओं के दौरान सं प क क गयी म हलाओं म अ धकांश नर र पायी गयीं।  सरकार काय म क े बारे म जाग कता : गाँव म संपक कये गये उ रदाता जल एवं व छता से संबं धत सरकार काय म क े बारे म नह जानते (84%) थे। उ ह ने बताया क ऐसे संदेश बहुधा नह ं सुन/ े दे खे (46%) गये। थानीय वाड अ धकार (जैसा क 97% उ रदाताओं ने बताया) सरकार काय म क े बारे म सच ू ना क े मु य ोत ह।  जडर मु दा : संपक कये गये अ धकांश घर म पानी लाने (78.9%) क े लए और घर (जहाँ शौचालय ह) म शौचालय साफ करने क भी िज मेदार म हलाओं क पायी गयी। म हला समूह क े साथ बातचीत (एफजीडी) क े दौरान यह पाया गया क वे उनक े गाँव के वकास से संबं धत अ धकांश मु द से अवगत नह ं थीं। चचाओं क े दौरान, यब बताया गया क घरे लू नणय म म हलाओं क कोई राय नह ं होती। हालाँ क मौजूदा श ा णाल क े कारण, लड़ कयाँ कम से कम ाथ मकत तर क श ा ा त कर रह ह।  म हला सशि तकरण एवं भागीदार : गुणव ापूण बातचीत क े दौरान यह बोध हुआ क म हलाएँ उ चत ढं ग से अ धकारसंप न नह ं ह, इसका मु य कारण उऩक न न सा रता और जाग कता तर है । कई म हला भागीदार ने बताया क वे आमतौर पर पंचायत बैठक म शा मल होती ह ले कन पीआरआई वारा उनक चंताएँ नह ं सुनी जातीं ह और इस लए वे इन बैठक म शा मल होने क कोई उपयो गता नह ं समझतीं।  गर बी : इन गाँव म अ य धक गर बी है , अ य धक 83.2 तशत उ रदाता क चे घर म रहने वाले पाये गये (िजसम से 51.1 तशत क े पास अध-प क े मकान थे), लगभग 78.3 तशत खे तहर मजदर ू क े प म काम कर क े अपनी आजी वका कमा रहे ह। इसक े आगे, संपक कये गये घर क े लगभग 85 तशत क े पास अलग से रसोई नह ं है , लगभग 67 तशत घर क मा सक आय 5,000 पये से कम है । हा शये पर खड़े समद ु ाय और महाद लत क े मामले म ि थ त और भी खराब है । अ धकांश उ रदाताओं (79%) का मा सक खच 5,000 पये क े भीतर है ।  समावेशन : सहभा गता ामीण मू यांकन क े दौरान, यह दे खा गया क बसावट/गाँव जा त क े अनुसार समह ू ब ध ह, और गर ब प रवार एवं महाद लत अ य धक गर ब ह और असं ग ठत भी ह।  बजल क आपू त: जल क आपू त गाँव म बजल क उपल धता और गुणव ा पर नभर है , हालाँ क 90 तशत से अ धक घर म बजल क े कने शन (अ धकांशत: अवैध) थे ले कन शा मल गाँव म बजल क आपू त अ यंत दयनीय पायी गयी। अ नय मत बजल आपू त क े कारण, पानी क े पंप का प रचालन और आपू त दयनीय बनी हुई है । यह दे खा जा सकता है क कई पीड लए ू स गाँ व म पानी स ताह म एक बार आता है।  सुर त पेयजल और शौचालय का दायरा : लगभग 12 तशत बसावट म गुणव ा भा वत जल ोत ह। बड़ी सं या म प रवार (82.6%) पीने, खाना बनाने, सफाई करने, धोने और नहाने जैसे व भ न घरे लू उ दे य (सव ण आंकड़ा) क े लए पानी एक करने क े लए रोजाना 1 से 2 घंटे हड पंप क े उपयोग पर खच करते ह। चचाओं क े दौरान यह बताया गया क एक आदमी क े लए 48 ल टर पानी क आव यकता है । इसक े अलावा, शौचालय का दायरा अ यंत अपया त है – नमूने क े तौर पर ल गयी ाम पंचायत म संपक कये गये क े वल 17.5 तशत घर क े पास नजी घरे लू शौचालय थे।  शौचालय का उपयोग : सहभा गता ामीण मू यांकन क े दौरान, यह बताया गया क क ु छ घर म शौचालय होने क े बावजूद, पु ष अब भी खुले म शौच कर रहे ह। वे सोचते ह क य द वे अपनी वयं क कृ ष भू म का उपयोग खुले म शौच क े लए नह ं करते तो भू म क उ पादकता घट जायेगी।  मी डया कवरे ज : उ रदाता मु यत: ऑ डयो मी डया सुनते ह (84 तशत रे डयो सुनते ह, 18 तशत ट वी दे खते ह और क े वल 20 तशत समाचारप पढ़ते ह)। हंद पसंद दा भाषा है जैसा क उ रदाता हंद म काय म दे खना/सुनना पसंद करते ह। रे डयो संचार का सबसे लोक य मा यम है और टे ल वजन दे खने का पसंद दा समय सुबह या शाम है।  शकायत नवारण : अ धकांश लोग अपनी शकायत पीएचईडी क े थानीय कायालय म और ाम पंचायत कायालय म भी दज कराते ह। जैसा क अ धकांश उ रदाताओं ने बताया, पानी एवं व छता मु दे क े संबंध म गाँव म कोई मुना सब शकायत नवारण णाल नह ं है । सं थागत व लेषण व लेषण क े ह से क े प म, का मक , जानकार क आव यकताओं, सच ू ना णा लय और याओं क े प म े क सं थाओं क मौजूदा मता का आकलन कया गया। मु य न कष थे :  व भ न तर पर बातचीत क े आधार पर यह दे खा गया क लॉक/ ाम पंचायत तर पर कोई सुग ठत संगठन/कायालय नह ं था। इस तरह, एनआरडीड लूपी और एनबीए दशा नदश म वां छत प रयोजना डल वर क े नीचे से ऊपर क े ि टकोण क थापना नह ं क जा रह है। इसक े आगे, यह वक करण क या को भी वलं बत कर रहा है । इस आधार पर हम लॉक और गाँव तर पर सं थागत ढाँचे क थापना और उसे मजबूत करने क सं तु त करगे ता क वक करण क या ा त क जा सक े और समुदाय संचा लत ि टकोण था पत हो सक े।  इसक े आगे, यह भी दे खा गया क डीड लए ू सएम सलाहकार डीड लए ू ससी/डीड लएू सएम तर पर नह ं रखे गये ह िजससे प रयोजना (एनआरडीड लूपी और एनबीए) क े तहत आईईसी ग त व धयाँ बा धत हो रह ह, इस लए, यह सं तु त क जाती है क प रयोजना क े टकाऊपन क े लए डीड लूएसएम रखे जाय।  मैक े नकल और स वल तकनीक सेवा उपल धकराने वाल मु य शाखाएँ ह। नमाण काय स वल शाखा वारा कया जा रहा है जब क मैक े नकल शाखा बजल क े कने शन लेने और मशीन क े प रचालन जैसे प रचालन क दे ख-रे ख करती है । दोन शाखाएँ तकनीक वशेष समूह वारा संचा लत ह हालाँ क िजला और उप-मंडल तर पर उनक े बीच सम वय का अभाव दे खा जा रहा है िजससे आमतौर पर प रयोजना डल वर म दे र होती है।  इसक े आगे, अ स टट इंजी नयर, जू नयर इं जी नयर, पाइप इं पे टर, खलासी, लंबर, म ी और ऑपरे टर क े तर पर मानव संसाधन का अ य धक अभाव क म क े प रयोजना सू ीकरण, या वयन, नगरानी और मर मत को भा वत कर रहा है । क न ठ तर क े कमचा रय क े साथ बातचीत से यो यता अंतर भी दे खा गया। यह उ धत ृ कया जाना चा हए क क न ठ तर क े कमचार प रयोजना डल वर क े लए नय मत प से समद ु ाय से बातचीत करते ह और फलहाल उभरती प रयोजनाओं क आव यकताएँ क ृ त म ग तशील ह। इस लए, बेहतर सेवा डल वर क े लए नरम कौशल क े व तार को अपनाया जा सकता है ।  वीड लूएससी क अनुपि थ त क े कारण, क म म योजना, या वयन, प रचालन और रखरखाव म पंचायत क सी मत स यता है । अ यंत चु नंदा क म पंचायत को ह तांत रत क गयी ह य क वे पया त प से ससु ि जत नह ं है और उनक े पास वां छत संसाधन नह ं है , वे क म क े ओ ऐंड एम को संभालने के यो य नह ं हुई ह। अंशधारक व लेषण व लेषण ने व भ न तर पर अंशधारक क पहचान करने म मदद क , ामीण े म जल आपू त म कौन जलापू तप रयोजना क े या वयन को भा वत कर सकता है िजससे क पूर तरह से कवर (एफसी) ि थ त ा त क जा सक े । इसके अलावा व लेषण मु य अपे ाओं और मु द और उसक चंताओं का च ण कर रहा है। यह खंड व भ न अंशधारक क े साथ व ततृ वचार- वमश, उनसे मले व वध इनपुट और अ ययन ट म के अवलोकन के बाद तैयार कया गया है । मु य ताकत म शा मल है :  उ च डजाइन मानक और उ चत नमाण गुणव ा।  यूनीसेफ, जी वका और म हला समा या जैसे संगठन का समथन  े म मांग संचा लत ि टकोण को अपनाने के लए - रा य और िजला तर पर - जल एवं व छता मशन का गठन कया जा रहा है मु य कमजो रय म शा मल है :  बीएसड लूएसएम का मौजूदा सं थागत ढाँचा मांग संचा लत ि टकोण, िजसे रा य बढ़ाने पर वचार कर रहा है, क े स धांत का परू तरह समथन नह ं करता।  लॉक/ ाम पंचायत तर पर सुग ठत संगठन/कायालय न होने से सेवा डल वर का ऊपर से नीचे का ि टकोण। इसक े आगे यह वक करण क या को भी वलं बत कर रहा है । िजला प रषद और पंचायत को शि तय का ह तांतरण वां छत तर पर नह ं हुआ। सामा य सु वधाएँ क े वल पीएचईडी क े नयं ण म ह।  इसक े आगे, यह भी दे खा गया क डीड लए ू सएम सलाहकार डीड ल ए ू ससी / डीड ल ए ू सएम तर पर नह ं रखे गये ह जो प रयोजना (एनआरडीड लूपी और एनबीए) क े तहत नरम घटक/आईईसी ग त व धय को बा धत कर रहा है।  िजला और उप-मंडल तर पर मैक े नकल एवं स वल शाखाओं क े बीच सम वय का अभाव; यह आमतौर पर आ खर म प रयोजना डल वर म वलंब क े प म प रणत होता है।  वीड लूएससी का गठन नह ं कया गया है, इस लए क म क योजना, या वयन,प रचालन और रखरखाव म पंचायत क स यता सी मत बनी हुई है ।  फलहाल रा य अ धकांशत: हड पंप (96.43%) से कवर है और पूण क म क बहुत कम सं या (2.35%) उपल ध है ।  फलहाल व व बक काय म क े तहत, रा य ामीण जलापू त बु नयाद ढाँच, े िजनम अ धकांश पाइपयु त जल क म ह, क े यापक नेटवक क योजना बना रहा है । हालाँ क, बजल क उपल धता चंता का कारण बनी हुई है।  एनआरएचएम क े तहत ग ठत ाम वा य पोषण एवं व छता स म तय क े पास पानी से संबं धत मु द को दे खने का अ धकार नह ं है , इस लए वे ओ ऐंड एम क िज मेदार लेने क ि थ त म नह ं ह। ु ा नत अनम भाव और जो खम ये शा मल ह : बीएसड लूएसएम का सं थागत ढाँचा के वल िजला तर तक है , िजले के नीचे कोई ढाँचा उपल ध नह ं है । फलहाल, क म क योजना, या वयन और प रचालन एवं रखरखाव म ऊपर से नीचे के ि टकोण का अनुसरण होता है । इस तरह, सेवा डल वर के लए पीएचईडी पूर तरह से िज मेदार है । अ स टट इंजी नयर, जू नयर इंजी नयर, पाइप इं पे टर, खलासी, लंबर, म ी और ऑपरे टर के तर पर मानव संसाधन का अ य धक अभाव कम के प रयोजना सू ीकरण, या वयन, नगरानी और मर मत को भा वत कर रहा है । ाम तर पर वीड लूएससी का गठन नह ं हुआ है , पीएचईडी अ धका रय से बातचीत के दौरान यह पुि ट हुई क ाम पंचायत क उप स म त क े प म वीड लूएससी क े गठन के लए वभाग वाराकोई सरकार आदे श जार नह ं कया गया है। 12 तशत बसावट म पानी क गुणव ा के मु दे ह और वभाग वष 2011-12 के लए योजना के अनु प अपने सभी जल पर ण को पूरा करने म स म नह ं हो पा रहा है। समावेशन भी एक मु दा है य क पंचायत का व तार हुआ है और इसम 11 से 12 बसावट ह और वे जा त क ु ार समह े अनस ू ब ध ह। कई बार मु य गाँव (अथात पंचायत गाँव) समाज के आ थक प से मजबूत वग के भु व म होता है और मु य प से गर ब प रवार ू थ गाँव म पानी और व छता संबंधी बु नयाद सु वधाओं का अभाव होता है । और महाद लत क बहुलता वाले दर आरड लूएसएस सु वधाओं क योजना, याव वयन और ओ ऐंड एम म समुदाय क सी मत भागीदार एक मुख मु दा है िजसका न तारण आरड लूएसएस े को करना है । समुदाय क सी मत भागीदार आं शक प से आपू त संचा लत ि टकोण के कारणऔर आं शक प से स य भागीदार से ा त हो सकने वाले लाभ के बारे म उपभो ताओं के बीच जाग कता के अभाव और नर रता के कारण है। म हलाएँ आबाद क आधी ह और सामुदा यक बैठक म भागीदार करने और जल एवं व छता से संबं धत सेवा डल वर के बारे म अपनी राय जताने के लए पया त प से अ धकारसंप न नह ं ह। य य प पीआरआई को जलापू त (हड पंप) और व छताके प रचालन का आदे श दया गया है ले कन इस उ दे य के लए कोई फं ड ह तांत रत नह ं कया गया है िजससे वे तकनीक ू ा करने क ि थ त म नह ं ह। इसक प से कमजोर ह और अपनी िज मेदा रय को पर े अलावा पंचायत क म हला सद याएँ मुखर भी नह ं पायी गयीं, इस लए टकाऊ प से समाज के हर तबके के लाभ का सम ि टकोण अनुपि थत पाया गया। गाँव म जल क आपू त बजल क उपल धता और गुणव ा पर नभर है, हालाँ क 90 फ सद प रवार के घर म बजल का कने शन (अ धकांशत: अवैध) पाया गया, ले कन दायरे मशा मल गाँव म बजल क आपू त अ यंत डावाँडोल पायी गयी। लगभग 12 तशत बसावट के जल ोत क गुणव ा द ू षत है । सहभा गता ामीण मू यांकन के दौरान, यह बताया गया क कु छ घर म शौचालय होने क ू , पु ष े बावजद अब भी खुले म शौच कर रहे ह। वे सोचते ह क य द वे अपनी वयं क कृ ष भू म का उपयोग खुले म शौच के लए नह ं करते तो भू म क उ पादकता घट जायेगी। सं तु तयाँ लॉक और गाँव तर पर सं थागत ढाँचा था पत और मजबूत है । इसके आगे, पीआरआ को या म शा मल कया जाना चा हए िजससे समुदाय संचा लत ि टकोण था पत कया जा सके। व भ न तर पर वीड लूएससी और अ य संबं धत स म तय के गठन और ढ़ करण के ज रये नीचे से ऊपर के ि टकोण क थापना क सं तु त क जाती है । ू ा वचार यह है क समद पर ु ाय क भागीदार के ज रये गाँव के ू ससी से योजना तर, खासकर वीड लए बननी शु हो जायेगी िजसक जाँच डीड लूएसएम वारा क जायेगी और वीकृ त के लए एसड लूएसएम को भेजी जायेगी। जमीनी तर पर पानी क योगशाला म जाँच को बढ़ाने के लए योजना के अनुसार (पीएचईडी वेबसाइट के अनुसार 228 का य) उप-मंडल योगशालाओं क थापना क जाये। नीचे ऊपर के ि टकोण क थापना के म म यह मह वपूण है क जल एवं व छता से संबं धत व भ न ग त व धयाँ करने के लए ाम जलापू त एवं व छता स म तयाँग ठत ह और उ चत ू क जाय। एनबीए या एनआरडीड लप प से मजबत ू ी के दशा नदश और रा य क आव यकता के अनु प येक तर पर कमचार रखे जाने चा हए। समावेशन को सु नि चत करने के म म, गर ब समथक नी तगत ु ाय क भागीदार बढ़ाने क ावधान कये जाने ह गे। समद े लए वीड लूएससी के गठन के ज रये सामािजक जुड़ाव और समुदाय का मता नमाण कया जाना चा हए और तकनीक प से स म एजसी को शा मल कर संसाधन च ण (जल एवं व छता), सम या व ृ व लेषण, टकाऊपन व लेषण जैसी सामुदा यक जुड़ाव तकनीक का अनुसरण करना चा हए। म हलाओं क भागीदार बढ़ाने के लए ये उपाय कये जा सकते ह : i) वीड लूएससी क एक तहाई सद य म हलाएँ होनी चा हए और उ ह अ नवाय प से श ण दया जाना चा हए; ii) म हलाओं क भागीदार ा त करने क ु ाव एजसी को म हला सद य को तैनात करना चा हए; े लए सामािजक जड़ iii) जल एवं व छता संबंधी मु द म स य भागीदार के लए गाँव तर पर म हला समा या के मॉडल पर ू वक सत कये जा सकते ह; iv) जल एवं समान समह व छता संबंधी सेवाएँ उपल ध कराने के लए म हलाओं को श त कया जा सकता है जो ामीण सै नटर माट के ज रये हो सकता है । नय मत जलापू त बहाल करने के लए वैकि पक यव थाओं क आव यकता है जो सौर आधा रत णाल हो सकती है । जल एवं व छता के संबंध म संचार के ज रये जाग कता फै लाना न के वल तकनीक बि क संवेदनशील मु दा भी है। नगरानी और मू यांकन प रयोजना नगरानी का ल य ि थ त रपो टग; काय म या वयन; भागीदार के साथ डेटा शेय रंग; जवाबदे ह ; काय म या वयन म म यवत सुधार; सेवाएँ (जल एवं व छता) और शौचालय के उपयोह एवं ढाँचे के टकाऊपन म सुधार है । इनम आंत रक एवं वा य नगरानी शा मल हो सकती है । आंत रक नगरानी वीड लूएससी, ू सएम एवं एसड लए डीड लए ू सएम जैसे येक तर पर क जायेगी। येक तर पर सहभा गता नगरानी अपनायी जा सकती है िजसक ू ससी, एनजीओ और अ य अंशधारक क े तहत वीड लए े त न ध शा मल कये जा सकते ह और वे ऊपर तर अथात डीड लूएसएम को रपोट स प सकते ह जो आगे ग त क समी ा करे गा और फर एसड लूएमएस को अपनी रपोट स पेगा। वा य नगरानी क नयुि त एसपीएमयू वारा क जायेगी जो प रयोजना या वयन क नगरानी करे गा और फर वापस एसपीएमयू को रपोट स पेगा।